आखिर वह सवाल उन दो सवालों में आ ही गया, जिस सवाल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले नौ साल से बच रहे थे, जिस सवाल से बचने के लिए भारत में और दुनिया भर में प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर रहे थे। यह वो सवाल था, जिसका सामना अकेले प्रधानमंत्री मोदी कर रहे थे, मगर जिसे पैदा किया है, खुद उन्होंने, उनके राजनीतिक सहयोगियों ने, RSS ने, गोदी मीडिया ने, इन सभी के समर्थन से बेलगाम हो चुके घर्म गुरुओं ने जो जंतर-मंतर से लेकर हरिद्वार तक पर मुसलमानों के नरसंहार के नारे लगा रहे थे। जो किसी को गौ रक्षा के नाम पर जीप में बांध कर जला रहे थे और पुलिस को धमकी देने के लिए महापंचायतें कर रहे थे।मोदी सरकार, और बीजेपी की सरकारें उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी। आज उन सभी की मेहनत का नतीजा यह निकला कि दुनिया के मंच पर इस महान और शानदार देश के प्रधानमंत्री को शर्मसार होना पड़ा।